How to start Import/Export business।step by step Guide in Hindi | आयात-निर्यात का व्यपार कैसे शुरू करें-सम्पूर्ण जानकारी।
आयात का मतलब होता है जरूरी सामान को दूसरे देश से खरीद कर अपने देश मे बेचना। इसके विपरीत निर्यात का अर्थ होता है अपने देश से दूसरे देश को समान बेचना तथा दूसरे देश मे समान को भेजना।किसी भी देश के पास सभी संसाधन नही होते है। जिस वस्तु का उत्पादन हमारे देश मे जरूरत से ज्यादा हो उसे दूसरे देशों को बेचकर हम विदेशी मुद्रा को अर्जित कर सकते है । जिन वस्तुवों का डिमांड हमारे देश मे अधिक हो उन्हें दूसरे देशों से आयात कर अपने देश मे बेच सकते है। जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स के कंपोनेंट्स और इंस्टूमेंट्स को हम अमेरिका, चीन और ताइवान से खरीद (आयात) कर के अपने देश मे बेच सकते है। आयात-निर्यात (इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट ) बिज़नेस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम अपने देश में रह कर डॉलर कमा सकते है। इस लेख में हम इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए स्टेप by स्टेप सम्पूर्ण जानकारी देंगे। इसे जानकर आप as आ startup import-export का business स्टार्ट कर लेंगे।
Step by Step guide to start import-exportbusiness:
स्टेप-1: सेलेक्शन ऑफ कंपनी name-import/export startup business के लिए जो नाम सेलेक्ट करे उसके साथ international or Overseas word लगा सकते है। इस से पता लगता है कि ये स्टार्टअप import/एक्सपोर्ट बिज़नेस का काम करता होगा। जैसे BABA International me BABA के साथ International Lagne से ये पता लग रहा है कि ये स्टार्टअप import-एक्सपोर्ट का काम करता होगा।
स्टेप-2: कंपनी का रजिस्ट्रेशन- इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कंपनी को propritership, LLP, Parternership, या प्राइवेट limited कंपनी के रूप में रजिस्टर करा सकते हैं। कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिये CA या ऑनलाइन कंपनी से आप कंपनी रजिस्ट्रेशन का काम करवा सकते हैं। LLP या प्राइवेट LIMITED कंपनी के रुप मे रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए।
स्टेप-3: बैंक एकाउंट खोलना-किसी ऐसे बैंक के साथ बैंक ACCOUNT खोले जो कि सीधे तौर पर विदेशी मुद्रा का exchange करता हो।
स्टेप-4:परमानेंट एकाउंट नंबर(PAN CARD) -इम्पोर्ट एक्पोर्ट कोड (IEC) को प्राप्त करने तथा TAX में छूट प्राप्त करने के लिए PAN CARD की जरूरत पड़ती हैं।
स्टेप-5:टैक्स बेनिफिट लेने के लिए टैक्स डिपार्टमेंट के साथ GST का रजिस्ट्रेशन करा लें।
स्टेप-6:IEC नंबर इम्पोर्ट – एक्सपोर्ट बिज़नेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स हैं। इसके लिए आपको DirectorGenral of Foreign Trade (DGFT) के website पर online अप्लाई कर सकते हैं।या
स्टेप-7:एक्सपोर्ट परमोशन council के साथ रजिस्ट्रेशन:- सरकार एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए अलग अलग छेत्र के प्रमोशन कॉउंसिल्स के प्रयोग करती है। आप अपने प्रोडक्ट से संबंधित प्रमोशन Councils के साथ अपनी कंपनी को मेम्बरशिप लेकर संबंध करा लें।
स्टेप-8: Eport Credit Guarantee Corportion(ईसीजीसी-ECGC) के साथ फर्म को रजिस्टर कर लें।इस से आपका पैमेंट राजनैतिक और व्यापारिक जोखिम से सेफ हो जाता है।
स्टेप-9: निर्यात के बाद एक्साइज duty का रिफंड लेने के लिए सेंट्रल एक्साइज में Form-1 का प्रयोग भारत मे किया जाता है।
स्टेप-10: Chambers of Commerce, प्रोडक्टिविटी कौंसिल के साथ रजिस्ट्रेशन-इससे बहुत सारे फायदे होते है साथ ही यह सर्टिफिकेट ऑफ Original भी देता है।
स्टेप-11:बिज़नेस आइडेंटिफिकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन-DGFT से यह CUSTOM क्लीयरेंस ऑफ एक्सपोर्ट्स गुड्स से पहले इसे प्राप्त करना होता है।
स्टेप-12 : Export Licence -मुख्यतः एक्पोर करने के लिए इस लाइसेंस की जरूरत नही परती परन्तु यदि आप कुछ निषेध, रिस्ट्रिक्टेड या canalized वस्तुओ को एक्पोरकरना चाहते है तो आपको एक्सपोर्ट लाइसेंस लेना होगा।
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