हिंदी में कविता
Poem से लगती है अच्छी,
देशी भाषा, माँ सी बोली
नहीं टिके इसके आगे
Pop सिंगर की yo-yo बोली।
गीत-गजल में बसता भारत
हिन्द, हिंदवी की बात निराली
पूरे बरात का यहाँ लोग करते है स्वागत
गाकर लोक-गीत और मधुर-गाली ..!!!
अभिनन्दन इस हिंदुस्तान को
जहाँ कवि-कर्म है कविता जैसा
गंगा जैसा दिल है बहता
हर यमुना तट पर है कृष्ण-कन्हैया....!!!!
सुभद्रा चौहान की “यह कदम की डाली”
हर बच्चें को को याद है “झांसी वाली रानी”
जय शंकर की कामायनी
संस्कृत और युग-युग की संस्कृति
श्रद्धा-इरा और पूर्ण वेद-पुराण
हिंदी भाषा से बने जग-वाणी.....!!!!!!!
“औरो को हसंते देख मनु
हँसो और सुख पावो
अपने सुख को विस्तृत कर लो
सबको सुखी बनाओं”
“बाहों में लेकर उसे झुलाऊंगी
लुंगी बदन चुम
वो मेरी छाती से लगकर
सहज घाटी में लगा घूम....!!!”
जयशंकर प्रसाद जी की ये कविताएं
दिल को छूकर देती
जीवन भर का ज्ञान और सिख...!!!!!!
साहिर लुधयानवी की शायरी और फ़िल्मी गीत
हर दिल अब तो बोल रहा
“तेरी नवाजिशों को भुलाया ना जाएगा
मांझी का नक्श दिल से मिटाया ना जाएगा” ...!!!
देखा/पढा है हमने अमृता-प्रीतम का प्रीत
दिल का दर्द बहा दरिया बन के
जब पंजाब के नदियों में खून बहा बन के नीर
देश-विभाजन पर बोल पड़ी
अज आखा varsh shah नु
तू कब्रा विचों बोल.....!!!!!
गजल-गीत, कविता शायरी
या हो ज्ञान-विज्ञान की बात
भारतेंदु हरिशन्द्र कह गए पते की बात
“निज भाषा उन्नति अहै
सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा ज्ञान के
मिटत ना हिये के शूल”.....!!!!!
जय हिंद, जय हिंदी.....!!!!!
जय कविता, जय कवि-कर्म
जय-जय हो उन सबका
जो समझे माँ और मातृभाषा का महत्व....!!!!
https://gyan-vigyan.com/2022/05/love-kavita/